Mutual Funds: एक्सपर्ट ने RBI के एलान के बाद इन 5 फंड्स पर लगाया दांव, जानें क्यों निवेश के हैं बेहतर ऑप्शन
Top 5 Mutual Fund Picks: एक्सपर्ट मान रहे हैं कि दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की रफ्तार धीमी हुई है. उनका कहना है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद म्यूचुअल फंड निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए.
(Representational Image)
(Representational Image)
Top 5 Mutual Fund Picks: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार छठवीं बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है. बुधवार को पॉलिसी का एलान करते हुए रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया. पॉलिसी एलानों का शेयर बाजार पर पॉजिटिव असर हुआ और बाजार हरे निशान में बंद हुए. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की रफ्तार धीमी हुई है. उनका कहना है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद म्यूचुअल फंड निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए. लंबी अवधि के नजरिए से इक्विटी और डेट फंड्स में निवेश की स्ट्रैटजी बनानी चाहिए.
मनीफ्रंड के को-फाउंडर एंड सीईओ मोहित गांग का कहना है, भारत और दुनियाभर में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की रफ्तार धीमी पड़ी है. यह डेट निवेशकों के लिए अच्छा संकेत देता है. साथ ही साथ इससे संकेत मिल रहा है कि ब्याज दरें पीक लेवल के करीब करीब पहुंच रही हैं. ऐसे में निवेशकों को लंबी अवधि के नजरिए से इक्विटी और डेट स्कीम्स में स्ट्रैटजी बनानी चाहिए.
कैसे बनाएं स्ट्रैटजी
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
इंट्राडे में तुरंत खरीद लें ये स्टॉक्स! कमाई के लिए एक्सपर्ट ने चुने बढ़िया और दमदार शेयर, जानें टारगेट और Stop Loss
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
टूटते बाजार में Navratna PSU के लिए आई गुड न्यूज, ₹202 करोड़ का मिला ऑर्डर, सालभर में दिया 96% रिटर्न
TATA Group के इस स्टॉक से गिरते बाजार में भी होगी तगड़ी कमाई! शॉर्ट टर्म में खरीदारी का नोट करें टारगेट
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
मोहित गांग का कहना है, इक्विटीज के नजरिए से बात करें, तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी लंबे समय के लिए बेहतर नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे इंडिविजुअल और कॉरपोरेट बैलेंस सीट दोनों पर ही निगेटिव असर होता है. EMI का बोझ बढ़ने का मतलब कम बचत और कम निवेश है. जोकि बाजारों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इक्विटी के लिए बात करें, तो अगले 12-18 महीनों के लिए सही अप्रोच के साथ नए निवेशों को अलग रखना होगा. वहीं, डेट निवेशक उच्च ब्याज दरों का लाभ उठाने के लिए धीरे-धीरे लंबी अवधि के प्रोडक्ट्स में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं.
Top picks in equity
Pru ICICI Nifty Index fund
DSP Quality 50 Nifty Midcap Index fund
HDFC Balanced Advantage fund
Top picks in Debt for long term
Edelweiss Bharat Bond FoF 2033
Nippon Nivesh Lakshya Fund
1 अगस्त 2018 के बाद रेपो रेट की सबसे ऊंची दर
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर शक्तिकांता दास ने (RBI Governor Shaktikanta Das) बुधवार को मॉनेटरी पॉलिसी जारी की. रिजर्व बैंक गवर्नर ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी का एलान किया है. इस साल ब्याज दरों में यह 6वीं बढ़ोतरी है. रेपो रेट बढ़कर 6.50 फीसदी हो गया है. मॉनेटिरी पॉलिसी के 6 में से 4 सदस्य रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में रहे. 1 अगस्त 2018 के बाद यह रेपो रेट की सबसे ऊंची दर है. पॉलिसी का एलान करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई में नरमी आई है और इसके आउटलुक पर MPC की नजर है.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह एक्सपर्ट द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
07:49 AM IST